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अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा- तीन साल पहले ही सीरिया के राष्ट्रपति को खत्म कर देना चाहता था, रक्षा मंत्री ने रोक दिया था

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बड़ा खुलासा किया है। यह खुलासा सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के बारे में है। मंगलवार को ट्रम्प ने कहा- मैं तीन साल पहले यानी 2017 में सीरियाई लीडर बशर अल असद को खत्म कर देना चाहता था। इसके लिए प्लान भी तैयार था। लेकिन, जिम मैटिस (तब के अमेरिकी रक्षा मंत्री) ने मुझे असद को खत्म करने से रोक दिया था।
ट्रम्प ने फॉक्स टीवी के मॉर्निंग शो में यह बातें कहीं। साथ ही कहा कि वे चाहते हैं कि हफ्ते में इस तरह का इंटरव्यू एक बार तो होना ही चाहिए। हालांकि, प्रोग्राम के को-होस्ट डूसी ने इस पर कहा- हम हर हफ्ते प्रोग्राम करने का वादा नहीं कर सकते। जो बाइडेन भी अगर अपने 47 मिनट इस प्रोग्राम के लिए देने तैयार हों तो हम उनका भी स्वागत करेंगे।
ट्रम्प के बयानों में विरोधाभास
असद को लेकर ट्रम्प ने मंगलवार को जो कुछ कहा, वो उनकी कही पुरानी बातों से मेल नहीं खाता। दरअसल, ट्रम्प ने पहले कहा था- मैं कभी सीरियाई नेता (ट्रम्प असद को राष्ट्रपति नहीं कहते) के पीछे नहीं पड़ा। असद पर सीरिया के हजारों बेगुनाह लोगों की हत्या का आरोप है। 2018 में न्यूयॉर्क टाइम्स के सीनियर जर्नलिस्ट बॉब वुडवर्ड की किताब पब्लिश हुई थी। नाम था- फियर यानी डर। किताब के मुताबिक- ट्रम्प ने मैटिस को असद के कत्ल का आदेश दिया था। हालांकि, बाद में वे इससे मुकर गए। कहा- मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा। और न ही इस तरह की बातें किताब में लिखी जानी चाहिए।
मैटिस ने 2018 के आखिर में इस्तीफा दे दिया था। कई बार ट्रम्प की आलोचना की। लेकिन, मंगलवार को असद पर ट्रम्प ने जो खुलासा किया, उस पर मैटिस ने चुप्पी साध ली।
बोरिंग है किताब
ट्रम्प सोमवार को कैलिफोर्निया में थे। लौटते वक्त 480 पेज वाली इस किताब का कुछ हिस्सा एयरक्राफ्ट में ही पढ़ा। बाद में कहा- सही बात तो यह है कि मैंने इसे सोमवार रात ही बहुत जल्दी में पढ़ा। ये बहुत बोरिंग है। 18 इंटरव्यूज के कुछ हिस्सों पर आधारित है। लेकिन, ठीक है।
क्या कहा ट्रम्प ने
ट्रम्प ने शो में कहा- मैं असद को बाहर निकाल देना चाहता था। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली थी। मैं उन्हें खत्म कर देना चाहता था। 2017 में इसके लिए पूरा ऑपरेशन प्लान किया जा चुका था। लेकिन, मैटिस इसके लिए तैयार नहीं थे। मैटिस को बहुत ज्यादा तवज्जो दी जाती थी। बाद में मैंने उन्हें भी हटा दिया था।
मैटिस से दूरियां
मैटिस को लेकर ट्रम्प की नाराजगी पहली बार सामने नहीं आई। दो साल पहले भी उन्होंने इस अमेरिकी जनरल के रवैये पर नाराजगी जताई थी। खास बात यह है कि ट्रम्प ही मैटिस को पेंटागन में लेकर आए थे। लेकिन, सीरिया और कुछ दूसरे मुद्दों पर ट्रम्प मैटिस से सहमत नहीं थे। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक बार मैटिस को महान जनरल भी कहा था। बहरहाल, दोनों करीब एक साल ही साथ काम कर सके। 2018 के आखिर में मैटिस ने इस्तीफा दे दिया था।
अमेरिकी कमांडो तैयार थे
सीरियाई लीडर असद पर आरोप है कि उन्होंने अप्रैल 2017 में नागरिकों पर कैमिकल अटैक कराया था। इसके कुछ फोटोग्राफ भी सामने आए थे। ये वे नागरिक थे, जो असद के विरोधी माने जाते थे। कैमिकल अटैक की कभी पुष्टि नहीं हो सकी। लेकिन, ट्रम्प ने उसी वक्त वादा किया था कि असद को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रम्प ने 2017 के आखिर में अमेरिकी फौज और कमांडो दस्ते को आदेश दिया था कि वो असद को खत्म कर दे। लेकिन, मैटिस की वजह से यह मुमकिन नहीं हो पाया। ट्रम्प ने कहा- असद अच्छे आदमी तो बिल्कुल नहीं हैं।
असद को लेकर ट्रम्प इतने सख्त क्यों
कई कारण हैं। लेकिन, संक्षेप में समझें तो दो-तीन बातें जानना जरूरी हैँ। अमेरिका को डर है कि सीरिया और ईरान मिलकर मिडिल-ईस्ट के साथ ही अरब वर्ल्ड में उसके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकते हैं। सऊदी अरब पर दशकों से अमेरिकी दबदबा है। यहां सुन्नी मुस्लिमों का देश है। जबकि, ईरान और सीरिया में शिया ज्यादा हैं। ट्रम्प को लगता है कि सऊदी के लिए ईरान-सीरिया खतरा बन सकते हैं। यही बात इजराइल के साथ भी है। एक वजह यहां रूस का असद को सहयोग देना है। इससे भी ट्रम्प खफा हैं।
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